لینک ها
ردیف | عنوان | صاحب اثر | دانلود | نوع |
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16876 | دیگر امشب به مدینه خبر از فاطمه نیست | ![]() | ![]() |
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16877 | دیگر برای زینبت از کربلا نگو | ![]() | ![]() |
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16878 | دیگر برای قافله چیزی نمانده است | ![]() | ![]() |
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16879 | دیگر بیا | ![]() | ![]() |
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16880 | دیگر چه طاقت است مرا؟ اربعین رسید | ![]() | ![]() |
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16881 | دیگر دل شیدا زده ام تاب ندارد | ![]() | ![]() |
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16882 | دیگر دلم به سیر چمن وا نمی شود | ![]() | ![]() |
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16883 | دیگر دلم به سیر چمن وانمی شود | ![]() | ![]() |
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16884 | دیگر ز پا فتادم مادر برس به دادم | ![]() | ![]() |
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16885 | دیگر شتاب رفتن تو از برای کیست (روضه) | ![]() | ![]() |
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16886 | دیگر طبیب زحمتِ بیخود نکش، برو! | ![]() | ![]() |
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16887 | دیگر کسی نمیزند از بیتِ ما دری | ![]() | ![]() |
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16888 | دیگر کنار بستر من دیده تر مکن | ![]() | ![]() |
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16889 | دیگر گلی به گلشن طاها نمانده است | ![]() | ![]() |
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16890 | دیگر ندارم زحمت برایت (نوحه) | ![]() | ![]() |